आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस छात्रों के लिए एक वरदान : भारत भूषण
12 FEB, 2025 : शिक्षा का प्रभाव सीधा-सीधा समाज पर पड़ता है। जितना ज्यादा शिक्षित समाज होगा उतना ही ज्यादा उनका विकास दर होगा। आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया है। आईए जानते हैं शिक्षक और विद्यार्थी इसका उपयोग कैसे कर सकते हैं।
बहुत सी किताबें अंग्रेजी या अन्य भाषा में होती है जिसके कारण विद्यार्थियों को समझने में काफी परेशानी होती है। इस परेशानी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ट्रांसलेशन टूल्स के माध्यम से भाषा की बाधाओं को दूर किया जा सकता है। ये टूल विभिन्न भाषाओं में पाठ्य सामग्री का अनुवाद कर सकती है , जिससे छात्र किसी भी भाषा में अध्ययन कर सकते हैं। आज गूगल ट्रांसलेट टूल सबसे लोकप्रिय है जो की 100 से अधिक भाषाओं में अनुवाद कर सकती है।
क्लास का असाइनमेंट बनाना, किसी प्रश्न का उत्तर लिखना पहले काफी मुश्किल होता था और समय भी अधिक लगता था परंतु आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चैट जीपीटी टूल के द्वारा यह सब बहुत ही आसानी से और कम समय में किया जाता है। अगर आप शिक्षक हैं तो आपको चैट जीपीटी टूल उपयोग करना चाहिए। स्पीच-टू-टेक्स्ट और टेक्स्ट-टू-स्पीच टूल्स के माध्यम से दृष्टिहीन और श्रवण बाधित छात्रों की सहायता की जा सकती है। स्पीच-टू-टेक्स्ट और टेक्स्ट-टू-स्पीच टूल्स के माध्यम से दृष्टिहीन और श्रवण बाधित छात्रों की सहायता की जा सकती है और यह उनके लिए वरदान साबित हो सकता है। विद्यार्थियों को ग्रामरली, सुकराती, ट्यूटर.एआई, कॉपीस्केप, ग्रेडस्कोप, ज़ोटेरो, वुल्फराम अल्फा ए.आई टूल्स की जानकारी होनी चाहिए।
आज के युग में जो जितना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के टूल्स को उपयोग करना जानेगा वह उतना ही आगे होगा चाहे वह विद्यार्थी, शिक्षक, चिकित्सक या अन्य हो।
भारत भूषण
असिस्टेंट प्रोफेसर, राम लखन सिंह यादव कॉलेज, रांची