स्वयं को पहचाने : इन्फॉर्मेशन साइंटिस्ट, भारत
दुनिया में सबसे ताकतवर चीज़, व्यक्ति के विचार हैं। सकारात्मक विचार से नई सोच-नई समझ बनती है एवं नकारात्मक विचारों से मन में विकार पैदा होते हैं।
सर्वप्रथम आवश्यकता है कि आप स्वयं को पहचाने। आप क्या चाहते हैं? आपकी इच्छा क्या है? ऐसा कौन-सा कार्य है, जिसके करने से आपको प्रसन्नता मिलती है? जो आपकी वास्तविक पसन्द है, जो आपकी रूचि का है। आपकी सोच क्या है? आपका ध्येय क्या है? आपका जीवन को समझने का दृष्टिकोण क्या है?
जैसे कई व्यक्ति बहुत सारा पैसा कमाना चाहते हैं, तो कई शान्ति से, इज्जतदार व्यक्ति की तरह जीवन-यापन करना चाहते हैं। हर व्यक्ति की सोच, पसन्द-नापसन्द, जीवन का नजरिया, संस्कार अलग हैं। यह एक महत्वपूर्ण बिन्दु है। जब तक आप स्वयं को नहीं पहचानेंगे, आपको कौन-सा व्यवसाय चुनना चाहिए? इसका निर्णय नहीं कर पाऍगे? आप अपनें गुणों, अवगुणों, अपनी सामर्थ्य, अपनी कमजोरी का ईमानदारी से आकलन करें। कई व्यक्ति बिना इस बिन्दु पर विचार करे, अन्य की देखा-देखी कोई भी कार्य शुरू कर देते हैं, फिर असफल होकर बैठ जाते हैं।
हम ऐसे नौजवानों को भी जानते हैं जो गणित में बहुत कमजोंर होने के बावजूद इन्जीनियरिंग में प्रवेश ले लेते हैं। ऐसे भी नौजवान है जिनकी अंग्रेजी बहुत कमजोर हेाने के बावजूद वे कैट की या बैंक प्रोबेशनरी ऑफिसर्स की परीक्षा हेतु दूसरों की देखा-देखी नकल करते हुए आवेदन भेज देते हैं।
इसी प्रकार, यदि आप आर्थिक रूप से समृद्ध नहीं हैं आप ऐसा व्यवसाय चुनते हैं, जिसमें बहुत पैसा चाहिए तो सफलता कैसे मिलेगी?
कई व्यक्तियों को व्यवसाय को बिल्कुल पसन्द नहीं आता, वे नौकरी करना ही पसन्द करते हैं। कई व्यक्ति प्रशासनिक नौकरी पसन्द करते हैं तो कई एमबीए करके प्रबन्धन की नौकरी के इच्छुक होते हैं। कई अध्यापक, लेक्चरर या बैंक की नौकरी को बहुत पसन्द करते हैं। अत: सर्वप्रथम आवश्यकता इस बात की है कि आप अपनी पसन्द-नापसन्द को समझें, जानें।
अपने गुण, अपनी सामर्थ्य, अपनी कमजोरी का पूरी ईमानदारी से, शान्त चित्त होकर मनन करें। इस सम्बन्ध में अपने बुजुर्गों से भी राय ले सकते हैं। अपने अच्छे शुभचिन्तक मित्रों से भी बात कर सक्ते हैं । लेकिन ध्यान रहे, आप का स्वयं का आकलन, आप से अच्छा कोई नहीं कर सकता है।
स्वयं को पहचानने के बाद, आपको क्या करना है, इसका सही, उचित निर्णय लेना सम्भव होगा। कई व्यक्ति अपने साथियों की समृद्धि को देखकर ठेकेदारी का कार्य शुरू कर देते हैं, कुछ ट्रेडिेंग का कार्य शुरू कर देते है, लेकिन यदि कार्य अपनी पसन्द का नहीं हों तो वे प्राय: असफल हो जाते हैं।
जीवन में सफलता, अपनी पसन्द के व्यवसाय, प्रोफेशन में ही सम्भव है, इस बात को बहुत अच्छी तरह समझ लेना चाहिए।